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Showing posts from August, 2022
फर्क नहीं पड़ता लोगों कि बातों का,
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फर्क नहीं पड़ता, लोगों कि बातों का, जब खुद पर भरोसा, प्रगाढ़ हो जाता है !! मुश्किलें आती हैं, लेकिन हर मुश्किल से, निकलने का, जुगाड़ हो जाता है !! जब हम चलते हैं, कठिन राहों पर हमारे लिए, अलग ही दुनिया, का निर्माण हो जाता है !! हाँ गिर तो सकते हैं, मगर फिर से उठने का, फिर से लड़ने का, और खड़े होने का, जुगाड़ हो जाता है !! बस बने रहने से, अपनी राहों में, बस बने रहने से, अपनी सोंच पर, नई राहों का, निर्माण हो जाता है !! हौशला,और साहस, अगर बड़ा हो डर से, तो हर परिस्थिति से, निकलने का जुगाड़ हो जाता है !! रमन.......
पुस्तकालय librery essay
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विषय शीर्षक :- " पुस्तकालय " परिचय : विचारों को सहेजता है पन्ना , पन्नो को सहेजता है किताब , और किताबों को सहेजता है पुस्तकालय , पुस्तकालय में लोग होते हैं , मेज - कुर्सियां होती हैं , और होती है किताबें , किताबें जब पहुँचती है लोगों के टेबल तक और लोगों से बात करती है , लोगों से मुलाक़ात करती है , उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करती है । बस यही प्रक्रिया किसी पुस्तकालय की शुरुआत करती है । किताब : जब किताब पहुँचता है , टेबल पर । इंसान पहुंचता है , एक लेवल पर ।। ढूंढते मन का सहारा है , किताब , डूबती नाव का किनारा है , किताब , सपनो को , हकीकत में , बदलता है,किताब हर सवाल का जवाब है , किताब , अकेला मन भी ढूंढता , किताब , कोई किस्मत बनाता , पढ़कर किताब , कोई किस्मत बनाता , लिखकर किताब , हर बात पर लिखी है , किताब , समस्याओ...