पुस्तकालय librery essay
"पुस्तकालय"
विचारों को सहेजता है पन्ना, पन्नो को सहेजता है किताब, और
किताबों को सहेजता है पुस्तकालय, पुस्तकालय में लोग होते हैं,मेज-कुर्सियां होती हैं,और होती है किताबें, किताबें जब पहुँचती है लोगों
के
टेबल तक और लोगों से बात करती है,लोगों से मुलाक़ात करती है,उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करती है । बस यही प्रक्रिया किसी पुस्तकालय की शुरुआत करती है
।
जब किताब पहुँचता है,टेबल पर । इंसान पहुंचता है, एक लेवल पर ।। डूबती नाव का किनारा है,किताब, सपनो को,हकीकत में, बदलता
है,किताब हर सवाल का जवाब है,किताब, अकेला मन भी ढूंढता,किताब, कोई
किस्मत बनाता,लिखकर
किताब, समस्याओं पर किताब, उत्सवों पर किताब, यात्राओं पर किताब, राजाओं पर किताब, संतों पर किताब, सामंतों पर किताब, गुलामी पर किताब, आजादी पर किताब, ताकत पर किताब, कमजोरी पर किताब, आफत पर किताब, हिफाजत पर किताब, खाने पर किताब, गाने पर किताब, ज्ञान पर किताब, विज्ञान पर किताब, ध्यान पर किताब, हिसाबों पर किताब, किताबों पर किताब, सवालों पर किताब, जवाबों पर किताब, प्रथा
और
परम्पराओं पर किताब, रिवाजों
पर किताब, उठती आवाजों पर किताब, किसी ढूंढते मन का सहारा बनता है किताब, किसी डूबती नाव के लिए किनारा बनाता है किताब, किताबों में ही हर सवालों के जवाब छुपे होते हैं, अगर ढूंढा जाए तो यहाँ हर एक बात पर लिखी होती है किताब, लोगों को बेहतर सोंच ,बेहतर सपना,और उनको साकार करने का तरीका देती है किताब, किताब देती है बेहिसाब इतना कुछ लाजवाब। पुस्तकालय आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक हो गई है, महत्वपूर्ण जरुरत बन गई है क्यूंकि जो इसके फायदों से अवगत है वह जरूर इनका उपयोग, अपनी व्यक्तित्व को और अधिक ऊंचाई देने के लिए अपने कामों को और अधिक गहराई देने के लिए, और खुद को एक बेहतर स्तर पर ले जाने के लिए, लोग इसका चुनाव करते हैं ।
लोगों की आवस्यकताएँ है- अलग-अलग, और पुस्तकालय लोगों की आवश्यकताओं को अलग-अलग तरीके से पूरी करती है, कोई ज्ञान की तलाश में है, उनके लिए ज्ञान है, विज्ञान है, हर समाधान है, कोई साथ की तलाश में होता है,उसके लिए बेहतर लोग हैं, जान-पहचान है,कोई रहता है अपने जीवन में बहुत परेशान सा, बिलकुल निरसता से घिरा हुआ, उसके लिए साहित्य है समाधान है, कई सारे रस हैं और रसों का पान है, ज्ञान है, हर समस्या का समाधान है । ज्ञान के बिना जीवन की भी कहाँ कोई पहचान है,इसीलिए पुस्तकालय जाना भी एक सम्मान है, इसके फायदे ही फायदे हैं, कहाँ कोई नुकसान है । यही जीवन को और व्यक्ति को बदलने वाला स्थान है, इसमें अनुशाशन का बहुत योगदान है ।
Leo Tolstoy लियो टॉल्स्टॉय :”Everyone thinks of changing the world, but no one thinks
of changing himself.” हर कोई दुनिया को बदलने के बारे में सोचता है, लेकिन कोई भी खुद को बदलने के बारे में नहीं सोचता है। इनकी
रचनाओं
से
प्रभावित
होकर
गाँधी
जी
महात्मा-गांधी
बन
गये
! ढूंढने
पर
हमें
हजारों
उदहारण
मिल
जायेंगे
जहाँ
लोगों
की
जीवन
में
परिवर्तन
का
स्रोत
बनी
हैं
किताबें। भगत सिंह को हमेशा से पढ़ने का शौक था। उन्होंने अपने कारावास की अवधि में भी किताब पढ़ने का सिलसिला जारी रखा। वे अक्सर किताबें पढ़ते और डायरी में नोट्स बनाते। इसके अलावा वे कविता और शायरी लिखते थे। उनके पसंदीदा विषयों में राजनितिक और गैर-राजनितिक, दोनों ही मुद्दे शामिल थे। उनके पसंदीदा लेखकों में बर्नार्ड शॉ, बर्ट्रेंड रसेल, चार्ल्स डिकेंस, रूसो, मार्क्स, रवींद्रनाथ टैगोर, लाला लाजपत राय, विलियम वर्ड्सवर्थ, उमर खय्याम, मिर्जा गालिब और रामानंद चटर्जी शामिल थे।अपनी फांसी पर जाने से पूर्व भी वो किताबें पढ़ रहे थे । कोई
खुद
को
बदलने
के
लिए
पढ़ता
है, और
कोई
पढ़ता
है
किसी
और
को
बदलने
के
लिए, और
कोई
पढ़ता
सिर्फ
थोड़ी
दूर
और
चलने
के
लिए
, कोई
किसी
परेशानी
से
निकलने
के
लिए, और
कोई
परीक्षाओं
की
भंवर
से
निकलने
के
लिए, कोई
समय
के
साथ
ढलने
के
लिए, कोई
किसी
को
छलने
के
लिए, कोई
लड़ने
के
लिए
पढ़ता
है
कोई
आगे
बढ़ने
के
लिए
पढ़ता
है, कोई
कुछ
गढ़ने
के
लिए
पढ़ता
है
कोई
सीढियाँ
चढने
के
लिए
पढ़ता
है, किसी
को
वित्त
मजबूत
करना
है
किसी
को
चित्त
।
अनुशाषित पुस्तकालय होगा जब हम अनुसाशित होंगे तभी अध्ययन का एक उचित वातावरण तैयार होगा । इंसान लोगों को मेहनत करता देख स्वतः ही प्रेरित हो जाता है,स्वयं भी कुछ अच्छा करने के लिए, कुछ पाने के लिए, प्रयत्नशील होता है ।
और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए यह आवश्यक होगा की अधिक से अधिक संख्या में किताबों पुस्तकालयों और पढ़ने वालों की संख्या में एक सकारात्मक जागरूकता और प्रेरणा के साथ बढ़ोत्तरी किया जाए जिससे अधिक से अधिक लोग एक बेहतर सपने को देख सकने और उसको पूरा कर सकने का सामर्थ्य हाशिल कर सकें ।
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