कहीं पटाखे हैं,कोई फोड़ने वाला नहीं है,कहीं फोड़ने वाला है,लेकिन पटाखे नहीं हैं,

कहीं पटाखे हैं,
कोई फोड़ने वाला नहीं है,
कहीं फोड़ने वाला है,
लेकिन पटाखे नहीं हैं,
और कहीं न पटाखे हैं,
और न फोड़ने वाला!

कहीं सब कुछ,
बिखरा पड़ा,
कोई जोड़ने वाला नहीं है!

सबका दिल,एक सितार जैसा,
जिसमें है तो सही कोई न कोई तार ऐसा,
जिसे छेड़ दो तो खुशियों के राग निकलेंगे,
मगर कोई, इन तारों को छेड़ने वाला नहीं है,
यहाँ कोई इन दिलों को जोड़ने वाला नहीं है!!!

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