मन चोर है man chor hai

स्ट्रेस का दौर है,
पर मेरी प्रॉब्लम कुछ और है,
फिर भी लिखता हूँ,
मन पर किसका जोर है,
मन ही सबसे बड़ा चोर है,
जहां न भेजना,उसको वहीं जाना है,
जो चीज मना,उसको  वही खाना है,
जो न मिले, उसको तो वही पाना है,
शायद इसका गुलाम,सारा जमाना है,
कमा लो आप, जितना भी कमाना है,
तकलीफ तो आना और जाना है,
मगर अक्लमंदी मन को समझाना है,
मुश्किल है,मगर खुशी यहीं से आना है,
रमन....





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