जीने का मजा

जीने का मजा,
सिर्फ जीने के लिये,जीने में नहीं है,
जीने का असली मजा तभी है,
जब आप जीवन की गहराई से मिलते हैं,
आप खुद अपनी परछाई से मिलते हैं,
जो हमेशा आपके पीछे चलती है,
और कभी कभी आपसे आगे भी,
आपकी पहचान बनकर,
आपका व्यक्तित्व,
आपकी अहमियत बनकर,
आपकी सख्सियत,
आपकी नियत बनकर,
अपनी जिंदगी को उड़ान दीजिये,
उसे जिंदादिली और एक पहचान दीजिये...
रमन.....

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