dost friends
कौन कहता है, दोस्त जरूरी नहीं, दोस्त होता है, जिंदगी की, हर पड़ाव पर! यही तो असली मरहम है, जीवन की हर घाव पर! यही तो है,जो सांथ होता! हमारी हर धूप, और छांव पर, दूर शहर, और गांव पर, कभी पहुचने के पहले, और कभी जाने तक, हर वक्त, हमारे जीत में, और हार में, उनका हाथ होता! घुमड़ते बादलों में, चमकती बिजलियों में, वो बारिश तक साथ होता! अपने व्यक्तित्व से इन्हें, सींचना होता है! ये गिरने लगें तो, खींचना होता है! कभी तारीफ से चढ़ा दो, थोड़ा भी हो, तो बढ़ा दो, कभी फड्डा हो तो, चढ़ा दो, जरूरत पड़े तो, लड़ा दो, ताकत तो, यही होते, और कमजोरी भी, कभी कोई कुछ ले जाता, पर कभी,बहूत कुछ दे जाता, रिश्ता चलता नहीं, सबूतों से, ये टिकता है, विश्वास पर, एक दूसरे से बंधी,आश पर!! मन है, फूरसत मिले जैसे ही, निकल जाता, दोस्तों की तलाश पर!! रमन....